इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) की बोर्ड बैठक मंगलवार को हुई, जिसमें आईडीए ने एयरपोर्ट से रेवती गांव तक 75 मीटर चौड़ी सड़क को मंजूरी दी, जो 15 किलोमीटर लंबी होगी. इस सड़क को अहिल्या पथ के रूप में विकसित किया जाएगा और आईडीए इस 15 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए नई योजना विकसित करेगा.
आईडीए के अध्यक्ष और इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह ने बताया कि एक महत्वपूर्ण निर्णय में प्राधिकरण के संचालक मंडल ने परियोजना को मंजूरी दे दी. इंदौर विकास योजना 2021 में शहर के पश्चिमी क्षेत्र में 15 किलोमीटर लंबी और 75 मीटर चौड़ी सड़क प्रस्तावित है. विकास योजना में प्रस्तावित भूमि उपयोग के आधार पर प्राधिकरण के संचालक मंडल द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दी गई.
प्रस्तावित योजना से शहर के पश्चिमी क्षेत्र में यातायात का आवागमन सुगम होगा, जिससे मध्य क्षेत्र से यातायात का दबाव और प्रदूषण भी कम होगा. 15 किलोमीटर लंबी सड़क पर पड़ने वाले 8 गांवों की करीब 1400 हेक्टेयर जमीन पर कुल 5 योजनाएं प्रस्तावित हैं. परियोजना के पहले चरण की लागत 400 करोड़ रुपये होगी.
क्या है अहिल्या पथ
अहिल्या पथ को कार्बन न्यूट्रल सड़क के रूप में बनाया जाएगा. यह सड़क 75 मीटर की जगह 90 मीटर चौड़ी होगी. इसमें 75 मीटर सड़क के अलावा हरियाली, वॉकवे, साइकिल ट्रैक और अन्य सुविधाएं भी शामिल होंगी. इसके अलावा इसमें सघन वृक्षारोपण, साइकिल ट्रैक, खुला हरित क्षेत्र 5% से बढ़ाकर 7% किया जाएगा. जन सुविधाओं में वृद्धि की जाएगी.
तीन बड़े क्षेत्र वाले नगरीय पार्क/क्षेत्रीय पार्कों का प्रस्ताव. सभी पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर सौर लाइटों की व्यवस्था. पहला चरण अहिल्या पथ 1 से 5 तक होगा. सड़क निर्माण के व्यय के लिए विकास योजना में प्रस्तावित भूमि उपयोग के आधार पर अहिल्या पथ क्रमांक 01 से अहिल्या पथ क्रमांक 05 तक नगरीय विकास योजनाओं के प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किए गए हैं. प्रथम चरण में इसका निर्माण किया जाएगा.
5 योजनाओं में फिनटेक सिटी
5 नगरीय विकास योजनाओं में से 01 विशेष नगरीय विकास योजना ‘फिनटेक सिटी’ ग्राम पालाखेड़ी और बुढ़ानिया में लगभग 214 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रस्तावित की जा रही है. यहां वर्तमान भूमि उपयोग आवासीय प्रकृति का है. फिनटेक सिटी के रूप में विकसित की जा रही इस योजना से शहर की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और इसे नई पहचान मिलेगी. योजना में क्लस्टर आधारित विकास किया जाएगा और वित्तीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी. उक्त योजना से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे.