इंदौर में 1अप्रैल से लागू होगी प्रॉपर्टी की नई गाइडलाइन:शहर के इन इलाकों में मिलेंगे सबसे सस्ते प्लॉट; पॉश इलाकों का भी रेट तय

इंदौर में प्रॉपर्टी की नई कलेक्टर गाइडलाइन को केंद्रीय मूल्यांकन समिति भोपाल ने मंजूरी दे दी है। जिले में कुल 5085 क्षेत्रों में से 2300 में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। आवासीय प्लॉट पर औसत 10% की वृद्धि की गई है। हालांकि 130 क्षेत्र ऐसे हैं, जहां 50 से 75 और करीब 100 फीसदी तक की भी बढ़ोतरी की गई है। ये दोनों क्षेत्र ऐसे हैं जहां या तो गाइडलाइन से ज्यादा रेट में रजिस्ट्रियां हो रही या हैं या ज्यादा संख्या में खरीदी-बिक्री हो रही है।

नई गाइडलाइन 1 अप्रैल से लागू होगी। कलेक्टर आशीष सिंह की मंजूरी के बाद सोमवार सुबह ही इसे केंद्रीय मूल्यांकन समिति में आईजी पंजीयन एम. सेलवेंद्रम को भेजा गया था। शहर के पुराने क्षेत्र जैसे सीतलामाता बाजार, रामबाग में गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई है। आसपास के 29 गांवों व शहर के पॉश इलाकों में गाइडलाइन और बाजार मूल्य को बैलेंस किया गया है। वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा ने बताया कि उन्हीं क्षेत्रों की गाइड लाइन में बढ़ोतरी हुई है, जहां तीन वर्षों में अधिक दर पर रजिस्ट्रियां हुई हैं।

गाइडलाइन में ये क्षेत्र सस्ते

शहरी क्षेत्र में

  • समाजवाद नगर-800 रुपए।
  • सिरपुर छोटा तालाब के पास 630 रुपए।
  • बाबू मुराई कॉलोनी 540 रुपए।
  • जीवन की फेल 280 रुपए।
  • बजरंग नगर-300 रुपए।
  • लक्ष्मीपुरी-770 रुपए।
  • शिवाश्री धाम-कनाड़िया-830 रुपए।
  • कुशवाह नगर-जगदीश नगर 600 रुपए।
  • सहारा सिटी- मुंडला नायता- 1380 रुपए।
  • रामबाग-1840 रुपए।
  • सरस्वती नगर, अन्नपूर्णा रोड- 2000 रुपए।
  • गोविंद नगर खारचा- 900 रुपए।

ग्रामीण क्षेत्र में

  • सिंहासा-300 रुपए वर्गफीट।
  • सिंदोड़ा, कलारिया100 रुपए।
  • माली बरोडिया, पानोड़, आख्या 100 रुपए।
  • पिवड़ाय-110 रुपए।
  • हासांखेड़ी- 270 रुपए।
  • सांवेर के अंदर के गांव, कैलोद में यही दर।

सेलवेंद्रम, महानिरीक्षक पंजीयन के साथ सीधी बात

Q. समिति ने इंदौर की गाइडलाइन को मंजूरी दे दी है?

  • हमने उस पर चर्चा कर मंजूरी दे दी है।

Q. क्या आचार संहिता के कारण ये 1 अप्रैल से लागू हो पाएगी?

  • गाइडलाइन का आचार संहिता पर कोई प्रभाव नहीं होता। हमने इसे मंजूर कर दिया है। मीटिंग भी जल्दी की ताकि कोई आपत्ति न आए।

Q. पहली बार एआई का उपयोग किया गया, लेकिन लोकल लेवल पर पूरी तरह मान्य नहीं किया?

  • कई जिलों में एआई का डेटा सटीक रहा है, खासकर रूरल एरिया में। हम इस बार इसकी प्रॉपर ट्रेनिंग स्टाफ को नहीं दे पाए। कुछ जगह स्थानीय अधिकारियों को लोकल इंटेलिजेंस पर ज्यादा भरोसा था। अगली बार इसे और प्रभावी बनाएंगे।

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